Saturday 9 March 2013

प्यार जिंदगी है

प्यार जिंदगी है
मै भी किया बचपन से ले कर आज तक प्यार, पता है प्यार अँधा होता है ,एक  माँ  अपने बेटे से  करती है और फिर वही बेटा  अपनी  पत्नी से,फिर वही पत्नी उसके बेटे से...बड़ा अजीब लगता है  सुनने में,  प्यार क्या होता है?  जिसे प्यार करो उसकी फ़िक्र  होती है, उसकी चिंता होती है , उसकी बहुत याद आती है  ,प्यार को तो महसूस किया  जाता है , प्यार कभी भी एक तरफ प्यार नही होता ,सामने वाला भी आपसे उमीद करता की आप भी बदले में उसे तोड़ा बहुत प्यार दे, उसकी भावनाओ की काद्रा करे , उसे समझे , उसके साथ हर सुख और दुख बाटे ,जिंदगी में  उसका साथ दे ,एक दूसरे के लए जीने का मक़सद बने ,एक दूसरे के हम सफ़र बने ,
जब दो दिल आपस मे मिलते है तो  जिंदगी बहुत अच्छी लगने लगती है, सफलता  कदम चूमने लगते  है,एक दूसरे के लए प्रेरणा स्त्रोत  बनते हैं ये होता है सच्चा प्यार..

***किसी  से इतना प्यार या  दिल नही लगाना चाहिए की , उसके बिना जी ना सके और  जिंदगी बेकार हो जाए, ***


लेकिन  आज क्या हो रहा है एक दुसरे पर सक करते है और रिश्ता सिर्फ मतलब के लिए रहा जाता है ???

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