अनमोल तोहफा !

प्यार का इजहार करने के लिये क्या कोई दिन निश्चित होता हैं यह तो कभी भी किया जा सकता हैं हाँ एक बहाना जरूर मिल जाता हैं रिश्तों को फिर से नवीन करने के लिए,  प्यार शब्द में सारी दुनिया समाई हुई हैं,एक मीठा एहसास जो जीवन में ताजगी भर देता हैं, प्यार आदमी को बहुत कुछ सिखाता हैं, कभी कभी खामोशी भी शब्दों से अधिक असरदार होतीं हैं, रिश्तों में यदि प्रेम न हो तो वे अधूरे रह जाते हैं और कुछ प्रेम ऐसा भी होता हैं जिसका कोई रिश्ता नहीं होता.........
हम प्रेम का सही मायनों में अर्थ नहीं जानते, दुख होता हैं जब समाचार पत्रों में पढ़ता हूँ कि प्रेमी ने प्रेमिका की जान ली, प्रेमिका ने आत्मा हत्या की और ऐसी ही कई खबरें जहाँ प्रेम के नाम पर कुछ और किया जाता हैं, प्यार तो व्यक्ति को सच्चाई और ईमानदारी के रास्ते पर ले जाता हैं लेकिन कुछ लोग प्यार के मायने ही बदल देते हैं,
प्यार पाने में आनंद नहीं बल्कि खोने में हैं, किसी की आँख का आँसू आपकी आँखों में हो और किसी का दुख आपकी नींद उड़ा दे, किसी की हँसी आपके लिये सबसे कीमती हो और आप सारी दुनिया को भुला दे, यही तो प्यार के रंग है, आज लोगों में ईर्ष्या ,द्वेष नफरत इतने घर कर गए हैं कि प्यार को जगह ही नहीं मिल पाती, प्यार मात्र शारीरिक आकर्षण और तोहफे लेन देन का नाम नहीं, बल्कि आपकी भावना हैं जो आपके दिल में हैं, कुल मिलाकर जितना कहूँ कम ही होंगा,

सिर्फ यहीं कहना चाहता हूँ कि एक दिन महँगे तोहफे देने, और आई लव यूँ कहने को प्यार नहीं कहते, बल्कि प्यार खुद ही अनमोल तोहफा हैं जिसे किसी और तोहफे की जरूरत नहीं, न शब्दों की जरूरत हैं, सिर्फ एहसास हैं ये रूह से महसूस करों प्यार को प्यार ही रहने दो.......... सुरेन्द्र !