मेरी आंसू
आँखों से निकली सिर्फ एक बूंद ही नहीं है आंसू ...............
बचपन में जब पहली बार दुनिया देखी थी तब भी निकले थे आंसू
पहली बार जब माई { माँ } की मार पड़ी तब भी निकले थे आंसू
जब - जब भूख लगी तब भी निकले थे आंसू
पहली बार जब बाबु जी { पापा } ने डाटा था तब भी बरसे थे आंसू
दादी की गुसे पर निकल आती थी आंसू
जब काका {चाचा } और बाबु जी ने करे झगडे तब भी आये थे आंसू
गुरु जी की मार और भैयादा {भैया } की डाट से बार -बार निकले थे आंसू
मेरी गांव में बदमाशी पर जब माई {माँ } रोई थी तब भी निकले आंसू
जब छोटी बहन की बिदाई हुई थी तब भी आयी थी आंसू
पहली बार परिवार से दूर हुआ था तब भी आये थे आंसू
भाभी को जब पहली बार पांव छुवा { नमस्ते }किया तब भी आयी थी आंसू
जब दिल टुटा था तब भी बारसे थे आंसू
आज भी जब कोई दोस्त अपने से दूर होते नजर आता है तो आती है आंसू
" दर्द से फरियाद करते है आंसू
गम का अहसास दिलाते है आंसू
ख़ुशी की हर बात पर निकल आते है आंसू
दर्द की हर बात पर निकल आते है आंसू "
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