Friday 23 December 2011

थोड़ी देर में


सच्चा प्रेम व्यक्ति को बहुत मुश्किल से मिलता है लेकिन अगर किसी के जीवन में सच्चे प्रेमी का अगमन हो जाता है तो इससे बेहतर और कुछ नहीं है लेकिन वर्तमान हालातों में सच्चा प्रेम जैसी परिस्थितियां बन पाना थोड़ा कठिन हो गया है देखा जाता है कि युवा अपने आकर्षण को ही प्रेम संबंध मानकर साथ जीने-मरने की कसमें खा लेते हैं कुछ समय तो सब कुछ ठीक चलता है लेकिन बाद में सुनहरे सपने बेमानी लगने लगते हैं. जैसे-जैसे आकर्षण समाप्त होने लगता है या कोई बेहतर विकल्प दिखाई देता है तो दोनों में से एक अपने संबंध के प्रति लापरवाह हो जाता है इसके पीछे उसका उद्देश्य जल्दी से जल्दी संबंध और साथी से छुटकारा पाना होता है.

संबंध को समाप्त करने से पहले वह एक बार भी दूसरे के विषय में नहीं सोचता है लेकिन अपने संबंध को लेकर जो व्यक्ति सच में प्रेम करता है वह कभी संबंध विच्छेद को सहन नहीं कर पाता और उसके समीप रहने का हर संभव प्रयत्न करता है.

Thursday 3 November 2011

प्यार और दर्द


प्यार और दर्द दो ऐसे पहलू हैं जो एक साथ रहते हैं क्योंकि जहां प्यार वहां तकरार और जहां तकरार वहां झगड़ा और दर्द. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप किसी के प्यार में तीव्र और आवेशपूर्ण भावनाओं और दर्द को अनुभव करते हैं तो ऐसी स्थिति में शायद एक डॉक्टर या दवाई आपके दर्द को कम नहीं कर सकती क्योंकि प्यार तो वह पानी की धारा है जो स्वयं अमृत समान है और अमृत को दवाई की क्या ज़रूरत. प्यार में उत्पन्न दर्द को स्वयं प्यार ही ठीक कर सकता है.

“”यह कुछ मायकुनों में एक लत की तरह लगता है, और प्यार से भी दर्द का इलाज हो सकता है.”

Friday 29 April 2011

सिर्फ मोहब्बत............सुरेन्द्र

आज की तेज रफ्तार से दौड़ती जिन्दगी में व्यक्ति जब एक-दूसरे को पीछे धकेलते हुए आगे बढ़ने की होड़ में चला जा रहा है, रिश्तों और एहसासों से दूर,सुख खोजने के प्रयास में लगा रहता है, ऐसी स्थिति में जहाँ प्यार बैंक-बैलेंस और स्थायित्व देखकर किया जाता है, वहाँ सच्ची मोहब्बत, पहली नजर का प्यार और प्यार में पागलपन जैसी बातें बेमानी लगती हैं । प्रेम सोच-समझकर की जाने वाली चीज नहीं है। कोई कितना भी सोचे, यदि उसे सच्चा प्रेम हो गया तो उसके लिए दुनिया की हर चीज छोटी हो जाती है। प्यार कब हो जाता है, पता ही नहीं चलता। इसका एहसास तो तब होता है, जब मन सदैव किसी का समीप चाहने लगता है। उसकी मुस्कुराहट पर खिल उठता है। उसके दर्द से तड़पने लगता है।
प्यार और दर्द में गहरा रिश्ता है। जिस दिल में दर्द ना हो, वहाँ प्यार का एहसास भी नहीं होता। किसी के दूर जाने पर जो खालीपन लगता है, जो टीस दिल में उठती है, वही तो प्यार का दर्द है।
किसी के खयालों में खोकर खुद को भुला देना, उसके सभी दर्द अपना लेना, स्वयं को समर्पित कर देना, उसकी जुदाई में दिल में एक मीठी चुभन महसूस करना, हर पल उसका सामीप्य चाहना, उसकी खुशियों में खुश होना, उसके आँसुओं को अपनी आँखों में ले लेना, हाँ यही तो प्यार है। इसे महसूस करो और खो जाओ उस सुनहरी अनोखी दुनिया में, जहाँ सिर्फ शांति है।
प्रेम में नकारात्मक सोच के लिए कोई जगह नहीं होती। जो लोग प्यार में असफल होकर अपने प्यार को नुकसान पहुँचाने का कार्य करते हैं, वे सच्चा प्यार नहीं करते।........... सुरेन्द्र