Thursday 3 November 2011

प्यार और दर्द


प्यार और दर्द दो ऐसे पहलू हैं जो एक साथ रहते हैं क्योंकि जहां प्यार वहां तकरार और जहां तकरार वहां झगड़ा और दर्द. लेकिन क्या आपको पता है कि अगर आप किसी के प्यार में तीव्र और आवेशपूर्ण भावनाओं और दर्द को अनुभव करते हैं तो ऐसी स्थिति में शायद एक डॉक्टर या दवाई आपके दर्द को कम नहीं कर सकती क्योंकि प्यार तो वह पानी की धारा है जो स्वयं अमृत समान है और अमृत को दवाई की क्या ज़रूरत. प्यार में उत्पन्न दर्द को स्वयं प्यार ही ठीक कर सकता है.

“”यह कुछ मायकुनों में एक लत की तरह लगता है, और प्यार से भी दर्द का इलाज हो सकता है.”