Friday, 10 September 2010

प्यार का हिस्सा !


पतंगा बार - बार जलता है
दिये के पास जाकर
फिर भी वो जाता है
क्योकि प्यार मर - मिटना भी सिखाता है

निराशा म्रत्यु के बराबर है
उम्मीद जीवन है बल्कि उम्मीद ही जींदगी है
जंहा जिंदगी है वंहा उम्मीद है
जंहा जींदगी भी नहीं इसलिए हमेशा आपने मन
में उम्मीद का दीप जलाकर रखना चाहिए


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